
नवरात्र के आठवें दिन माता आदि शक्ति के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है। शिवपुराण के अनुसार, महागौरी को 8 साल की उम्र में ही अपने पूर्व जन्म की घटनाओं का आभास हो गया था। इसलिए उन्होंने 8 साल की उम्र से ही भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए तपस्या शुरू कर दी थी। इसलिए अष्टमी के दिन महागौरी का पूजन करने का विधान है। इस दिन मां की पूजा में दुर्गासप्तशती के मध्यम चरित्र का पाठ करना विशेष फलदायी होता है।
महागौरी का ध्यान मंत्र
श्वेते वृषे समारुढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचिःमहागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा। महगौरी पूजन करते समय इस मंत्र से देवी का ध्यान करना चाहिए।
श्वेते वृषे समारुढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचिःमहागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा। महगौरी पूजन करते समय इस मंत्र से देवी का ध्यान करना चाहिए।